Book Title: Jain Darm Me Karmsiddhant Ek Anushilan
Author(s): Bhaktisheelashreeji
Publisher: Sanskrit Prakrit Bhasha Bhasha Vibhag

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Page 419
________________ 401 शास्त्री, विजयमुनि शास्त्री, विजयमुनि शास्त्री, विजयमुनि शीलगुण विजयशुबिंग, वॉल्टर अध्यात्म साधना, संपा. श्री समदर्शी प्रभावकर, गिरधरलाल दामोदर दफ्तरी. सधर्मा ज्ञान मन्दिर, कांदावाडा, मुंबई ४, १९७० भावनायोग नी. साधना, संपा. मुनिश्री समदर्शी प्रभाकर, श्रीवधर्ममान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ, वल्लभभाई रोड, मुंबई, १९७० समयसार प्रवचन, श्री. वर्धमान श्वेतांबर स्थानकवासी जैन श्रावक संघ, जैन साधना सदन, नानापेठ, पूना, १९७० अखंड ज्याति, चंपकलाल टी. खोखरवाडा, द रिलिजन ऑफ द जैनाज, भाषांतर- अमूल्यचंद्र सेन, टी. सी. बुर्क संस्कृत कॉलेज, कलकत्ता, १९६६ नमस्कार महिमा, श्री जैन मित्र मंडल, सांताक्रूज (वेस्ट), मुंबई, वि. स. २०१७ बौद्ध धर्म दर्शन, वल्लभभाई पटेल युनिव्हर्सिटी, विद्यानगर, १९७८ दर्शन और चिंतन, पंडित सुखलालजी सन्मान समिति, गुजरात- विद्यासभा, भद्र, अहमदाबाद-९, १९५७ योग दर्शन तथा योग-विंशिका, शाह, धीरजलाल टोकरसी शाह, नगीनभाई संघवी, पंडित सुखलालजी संघवी, पंडित सुखलालजीसाधु, ब्रम्हदर्शनदास साध्वी, उज्ज्वलकुमारी साध्वी, उज्ज्वलकुमारी साध्वी, धर्मशीला कर्म सिद्धान्त अने पुनर्जन्म, स्वामी नारायण अक्षरपीठ, शाहीबाग, अहमदावाद, २००४ जीवन धर्म, संपा. रत्नकुमार जैन 'रत्नेश', स्वाश्रय प्रकाशन समिति, दिल्ली, १९५५ जीवन धर्म, संपा. रत्नकुमार जैन 'रत्नेश', सन्मति ज्ञानपीठ, आगरा, १९४९ । णमो सिद्धाणं पद : समीक्षात्मक परिशीलन, श्री उज्ज्वल धर्म ट्रस्ट, श्री एस. एस. जैन संघ अयनावरम, मुंबई, २००१ श्री प्रतिक्रमण सूत्र, उज्ज्वलधर्म ट्रस्ट,'डॉ.डी. एन. गोसलिया, महेशविला, घाटकोपर, मुंबई, २००२ जैन दर्शनातील नव तत्त्वे, उज्ज्वल साहित्य प्रकाशन, डॉ. धीरेन्द्र एस. गोसलिया, घाटकोपर, मुंबई, साध्वी, धर्मशीला साध्वी, डॉ. धर्मशीला

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