Book Title: Jain Darm Me Karmsiddhant Ek Anushilan
Author(s): Bhaktisheelashreeji
Publisher: Sanskrit Prakrit Bhasha Bhasha Vibhag
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न्यायदर्शनन्यायदर्शन (वात्स्यायन-भाष्य)
न्याय-मंजरी
न्याय-सिद्धान्त-मुक्तावली
पइण्णसुत्ताइं
पंचतन्त्र
पंचविंशतिका
पंचसंग्रह
पंचाध्यायी
उदयवीर शास्त्री, वि. गो. हासानंद, दिल्ली. १९९९ म. म. गंगानाथ झा, चौखंबा संस्कृत सीरिज ऑफिस, वाराणसी, १९२५ जयंत भट्ट, संपा. नगीन जी. शाह, लालभाई दलपतभाई भारतीय संस्कृति विद्यामंदिर, अहमदाबाद, १९८९ पं. स्वामी गोविंद सिंह, वेंकटेश्वर प्रेस, खेतवाडी, मुंबई, १९७२ संपादक मुनि पुण्यविजयजी मुनि, जयंतीलाल रतनचंद्र शाह, श्री महावीर जैन विद्यालय, मुंबई, १९८४ श्री महावीर जैन विद्यालय,मुंबई,१९८४ ह. अ. भावे, वरदा प्रकाशन, पुणे, १९७७ आचार्य पद्मनन्दी, संपा. पं. बालचंद्र सिद्धांतशास्त्री, दिगंबर जैन संस्कृति संरक्षक संघ, सोलापुर, १९६२ चंद्रमहर्षि, आगमोदय समिति, ग्रंथांक-४७, सूरत, १९२७ आचार्य आदि चन्द्रप्रभु, संपा. पं. मक्खनलाल शास्त्री, महावीर कीर्ति दिगंबर जैन ग्रंथमाला, पंडित राजमल्ल, गांधी नाथारंगजी अकलूज, जैनेन्द्र मुद्रणालय, कोल्हापुर, शक. १८२८ आचार्य कुन्दकुन्द, पं. मनोहरलाल, राजचन्द्र जैन शास्त्रमाला, श्री परमश्रुत प्रभावक मंडल,आगास, वी. नि. २४९५ राजचन्द्र जैन शास्त्रमाला, श्री परमश्रुत प्रभावक मंडल,आगास, वी. नि. २४९५ ब्र. शीतलप्रसाद, प्रकाशक- मूलचंद किशनदास कापडिया, जैनमित्र, दि. जैन पुस्तकालय, सूरत, वी.नि. २४५२ आचार्य हरिभद्रसूरि, अभयदेवकृत टीका, जैन धर्म प्रसारक सभा, भावनगर, १९१२ संपा. मुनिश्री कन्हैयालाल, आ. देवेन्द्रमुनि शास्त्री, पू. रत्नमुनि, अनुवाद- युवाचार्य मधुकर मुनिजी, आगम प्रकाशन समिति, व्यावर (राज.), २००२ पुप्फ भिक्खु, प्रकाशक- बाबुरामलाल जैन नायब
पंचाध्यायी (पूर्वार्द्ध)
पंचास्तिकाय
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पंचास्तिकाय
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पण्णवणासूत्र
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