Book Title: Jain Bauddh Tattvagyana Part 02
Author(s): Shitalprasad
Publisher: Mulchand Kisandas Kapadia

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Page 12
________________ संक्षिप्त परिचयधर्मपरायणा श्रीमती ज्वालादेवीजी जैन-हिसार । ___ यह “ जैन बौद्ध तत्वज्ञान " नामक बहुमूल्य पुस्तक जो " जैनमित्र "के ३८वें वर्षके ग्राहकोंक हाथोमें उपहार के रूपमें प्रस्तुत है, वह श्रीमती ज्वालादेवीजी, धर्मपत्नी ला० ज्वालाप्रसादजी व पूज्य माता ला. महावीरप्रसादजी वकीलकी ओरसे दी जारही है। श्रीमतीजीका जन्म विक्रम संवत् १९४०में झझर (रोहतक) में हुवा था । आपके पिता ला० सोहनलालजी वहापर अर्जी नवीसीका काम करते थे। उस समय जैनसमाजमे स्त्रीशिक्षाकी तरफ बहुत कम ध्यान दिया जाता था, इसी कारण श्रीमतीजा भी शिक्षा ग्रहण न कर सकी । खद है कि आपके पितृगृहमें इससमय कोई जीवित नहीं है । मात्र भापकी एक बहिन है, जो कि सोनी पतमें व्याही हुई है। आपका विवाह सोलह वर्षकी आयुमें ला० ज्वालाप्रसादजी जैन हिसार वालोंके साथ हुआ था। लालाजी असली रहनेवाले रोहतकके थे । वहा मोहल्ला 'पीयवाड़ा में इनका कुटुम्ब रहता है, जो कि 'हाटवाले' कहलाते है । वहा इनके लगभग वीस घर होंगे। वे प्राय सभी बड़े धर्मप्रेमी और शुद्ध भाचरणवाले साधारण स्थितिके गृहस्थ है।

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