Book Title: Hindi Jain Sahitya ka Bruhad Itihas Part 2
Author(s): Shitikanth Mishr
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

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Page 10
________________ समझा, एतदर्थ मैं उनका आभारी हूँ और उनके विश्वास की रक्षा का भरसक प्रयत्न करता रहा हूँ। संस्थान के अधिकारी, प्रबन्धक और अन्य सभी सहयोगियों विशेषतया डा० अशोक सिंह, श्री मोहनलाल ( बड़े बाबू) एवं पुस्तकालय सहायक श्री ओमप्रकाश सिंह को उनके सहयोग के लिये धन्यवाद देता हूँ । पुस्तक की अनुक्रमणिका और विषय सूची आदि अरुचिकर कार्यों में आत्मज असीम कुमार ने जो परिश्रम किया उसके लिए उसे शुभाशीष देता हूँ। -डॉ० शितिकण्ठ मिश्र Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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