Book Title: Hammirayan
Author(s): Bhanvarlal Nahta
Publisher: Sadul Rajasthani Research Institute Bikaner

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Page 225
________________ ७२ हम्मीरायण २०२ जल वाल्या, स्यउ गई, ठाली थई । २०३ नित पाउल, हड़हड़इ, धारू वारू नाचइ पात्र, पूठि दिखालइ वे वेस्या गात्र। २०४ भल्ला, मारइ=बेऊ, नइ मीर, सोई-तीर । २०५ तिसउ, काकउ= कोई, एज= एरि । २०६ ऊआंरा भलउ, तेऊ= कोइ, तुम्हि =जे। २०७ तो नइ, बेउ, इय = यार, सींगणि । २०८ सींगणि, दइ, खांचइ तिम कुटका हुइ सात, सींगणि । २०६ राउ, तिणि, नावई। २१० ०बेमारी पात्र, पड़िया बे गात्र । २१२ विग्रह नी सीम हुवा, आवी, काइ साहिब तई मांड्यउ वास ( चतुर्थपाद )। २१३ सांभरिवाल, न दइ तो नइ सुरिताण, किमइ पराण, ०मरावइ कारणि कवणि। २१४ त्या नई। २१५ सवि, देइ कहइ। २१६ तउ, राउ, पातिसाह । २१७ मोनइ घरि मुकलावइ सही, आयउ पाहुणउ, महत देइ मोनई ताजणउ । Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org

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