Book Title: Hammirayan
Author(s): Bhanvarlal Nahta
Publisher: Sadul Rajasthani Research Institute Bikaner
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हम्मीरायण २३३ हमीर-ईह, पिरयउ, रउपाल, करइ - कह । २३४ बोलह, धन नखावि सहुवइ पूरउ हुउ, तो नइ प्रधानउ । २३५ सवि नीचा, रउपाल - नइ मिलिया, निवसी । २३६ परिघाउ, करतां, जिउ तुरकां । २३७ कीयउ, राजा द्रोह मिल्या पतिसाहि । २३८ कोसीसां थी जोवइ । २३६ अणचीतवी हुवइ, दासि देवि कुण कीधी घात, प्रधाने,
ले गया।
२४० को, जियारइ, दियइ, वंका, जीतइ जाइ न को। २४१ गाढउ, दिद्ध मइ, देसु, जिस्यइ, करेसु । २४२ मरण नीड़उ वेगउ अछइ, किणही, उबारि । २४३ रइनइ। २४४ जे नविजेह, नीभागियउ न रेवि, ति, वले.वि । २४५ राय चहुआण, वउलावउ। २४७ पाहुणउ । २४८ तिहुं, पराया खांहि । २४६ जेम= कई। २५० भगतावीउ =ओलग्यउ, महिमा सह' हम्मीर, हुवउ इसउ,
इम बोलइ हम्मीर [ चतुर्थ पाद ] ।
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