Book Title: Gyansara
Author(s): Bhadraguptavijay
Publisher: Chintamani Parshwanath Jain Shwetambar Tirth

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Page 5
________________ न्यायाचार्य-न्यायविशारद महोपाध्याय श्री यशोविजयजी-विरचित ज्ञानसार मूल श्लोक, श्लोकार्थ और विवेचन सहित विवेचनकार आचार्य श्री विजय भद्रगुप्त सूरिजी म. सा. प्रकाशक श्री चिंतामणि पार्श्वनाथ जैन श्वेताम्बर तीर्थ (मु. का. : ४१ यू. ए. बंगलो रोड, जवाहर नगर, दिल्ली-११०००७) भूपतवाला, ऋषिकेश राजमार्ग, हरिद्वार २४९ ४१० (उत्तराखंड) चिंतामणि पार्श्वनाथ जैन श्वेताम्बर तीर्थ, हरिद्वार . वि. सं. २०६५ ईस्वी सन् : २००९ . मूल्य : ३००/- रुपये

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