Book Title: Gurumurti Pratishtha Vidhi
Author(s): Mangalsagar
Publisher: Jinduttsuri Gyanbhandar
View full book text
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
गुरुमूर्ति
नवग्रह
अभिषेक
॥ २०
॥
पनीति फळ दारानेऽत्र ॥ १ ॥ ( छिडके )। 8
नवग्रह आवाहन-पूजन-मन्त्र
| सर्वे महा दिनकर प्रमुखा स्वकर्मः, पूर्वोपनीति फळ दानकरा जनानाम् । पूर्वोपचार निकरं स्व करेषु लात्वा, सत्वांगतः सकल तीर्थकरार्चनेऽत्र ॥१॥
इस मन्त्र से कुसुमाञ्जली नवग्रह के पटेपर चढावें (छिडके)। १ सूर्य पूजन मन्त्र-ॐ नमो सूर्याय सहस्र किरणाय रक्तवर्णाय सायुधाय सवाहनाय सपरिकराय अस्मिन् जम्बुद्वीपे दक्षिणा भरतक्षेत्रे अमुक नगरे अमुक जिनचैत्ये अमुक पूजामहोत्सवे अमुकाराधिते अत्रागच्छ अत्रागच्छ | सावधानीभूय बलि गृहाण बलिं गृहाण जलं गृहाण चन्दनं गृहाण पुष्पं गृहाण धूपं गृहाण दीपं गृहाण अक्षतं गृहाण नैवेद्यं गृहाण फलं गृहाण सर्वोपचारान् मुद्रां गृहाण अत्र पीठे तिष्ठ तिष्ठ ठः ठः उदयं अभ्युदयं कुरु कुरु स्वाहा । "ॐ सूर्याय नमः" ॥१॥ (इस मन्त्र को पढकर सूर्यग्रह पर पान आदि अष्टद्रव्य चढावें ।)
२ चन्द्र पूजन मन्त्र-ॐ नमो चन्द्राय श्वेत वर्णाय षोडशकलापरिपूर्णाय रोहिणी नक्षत्रस्य अधिपते सायुधाप सवाहनाय सपरिकराय अस्मिन् जम्बुद्वोमे दक्षिणा भरतक्षेत्रे अमुक नगरे अमुक जिनचैत्ये अमुक पूजामहोत्सवे अमुकाराधिते अत्रागच्छ अत्रागच्छ सावधानीभूय बलिं गृहाण बलि गृहाण जलं गृहाण चन्दनं गृहाण. पुष्पं गृहाण धूपं गृहाण दीपं गृहाण अक्षतं गृहाण नैवेद्यं गृहाण फलं गृहाण सर्वोपचारान् मुद्रां गृहाण अत्र पीठे तिष्ठ तिष्ठ ठः ठः उदयं अभ्युदयं कुरु कुरु स्वाहा "ॐ चन्द्राय नमः" ॥२॥
(इस मन्त्र को पढ़ कर चन्द्र ग्रह पर पान आदि चढावे ।)
Seezeerreraveezoeyzoenezoetreen
| ॥ २० ॥
For Private and Personal Use Only

Page Navigation
1 ... 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36