Book Title: Gurjar Jain Kavio ki Hindi Sahitya ko Den
Author(s): Hariprasad G Shastri
Publisher: Jawahar Pustakalaya Mathura

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Page 13
________________ समपित परमपिता परमात्मा त्रिमूर्तिशिव जिसने इस पुरुषोत्तम संगम युग पर ब्रह्मातन में दिव्य अवतरण कर अपने दिव्य ज्ञान और योग का अभय दान दिया तथा सच्चे ब्राह्मणत्व को झकझोर कर पूर्ण पवित्रता और अतीन्द्रिय सुख से आपूर्ण दिव्य जीवन का अनुमव कराया । हरीश

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