Book Title: Gurjar Jain Kavio ki Hindi Sahitya ko Den
Author(s): Hariprasad G Shastri
Publisher: Jawahar Pustakalaya Mathura

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Page 10
________________ आलोचना खण्ड ३ प्रकरण : ४ आलोच्य युग के जैन गूर्जर कवियों की कविता में वस्तु-पक्ष १६६-२५२ भाव-पक्ष: भक्ति-पक्ष : भक्ति का सामान्य स्वरूप व उसके तत्व १६३ जैन धर्म साधना में भक्ति का स्वरूप १६५ जैन-गूर्जर हिन्दी कवियों की कविता में भक्ति-निरूपण १९८ विचार-पक्ष सामाजिक यथार्थाकन, तयुगीन सामाजिक समस्याएं और कवियों द्वारा प्रस्तुत निदान धार्मिक विचार दार्शनिक विचार नैतिक विचार प्रकृति-निरूपण : प्राकृति का आलंवनगत प्रयोग, २४८ प्रकृति का उद्दीपन चित्रण, ૨૪૬ प्रकृति का अलंकारगत प्रयोग, ૨૪ उपदेश आदि देने के लिए प्रकृति का काव्यात्मक प्रयोग, ર૪હ प्रकृति के माम्यम से ब्रह्मवाद की प्रतिष्ठा । २५० निष्कर्ष २५१ २३० २३६ २४० २४७


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