Book Title: Guptavati Yukta Durga Saptashati
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir न्यूमाधिक्यदीपपरिहाराय पसाया नोकप्रतीकाः ऋषिः 1 जयन्ती मङ्गलाकाली 2 मधुकैटभविद्राषि 2 महिषासुरनिर्माण * वन्दिताधि युगे देवि 5 रनवौजबधे देवि 6 अचिन्त्यरूपचरिते 7 न तेभ्यः सर्वदा भक्त्या '8 स्तुवद्भ्यो भक्तिपूर्व त्वां चण्डिके सततं येत्वा 10 देहि सौभाग्यमारोग्यं 11 विधेहि द्विषतां नाशं 13 विधेहि देवि कल्याण / 13 विद्यावन्त यशस्वन्तं 14 प्रचण्डदैत्यदर्पन 15 चतुर्भुज चतुर्वक्त्रसंस्तुत 16 कृष्णेन संस्तुते देवि 17 हिमाचलसुतानाथ 18 सुरासुरशिरोरत्न १८'इन्ट्राणीपतिसद्भाव 20 देषि प्रचण्डदोर्दण्ड 21 देवि भक्तजनोद्दाम 22 पनौं मनोरमां देहि 23 इदं स्तोत्रं पठित्वातु |त्रयोविंशतिनोका मर्मललायम् कोलकनीकमतीका 1 विशुनानदेहाय 2 सर्वमेतद् विनायस्तु 3 मिहान्युच्चाटनादीनि 4 नमतं नौषधंतत्र 5 समग्राण्यपि सिद्धान्ति 6 स्तोत्रं च चण्डिकायास्तु 7 सोपि क्षेममवाप्राति 8 ददाति प्रतिगृहाति 8 यो नि:कीलां विधायै नों 1. न चैवाप्यटतस्तस्य / 11 ज्ञात्वा प्रारभ्य कुर्वीत 12 सौभाग्यादि च यत्किञ्चिद 13 शनैस्तु जाप्यमानेऽस्मिन् 14 ऐवयं यत्प्रसादेन कीलकश्लोकसंख्याचतुर्दश 14 For Private and Personal Use Only

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