Book Title: Gagar me Sagar
Author(s): Devendramuni
Publisher: Tarak Guru Jain Granthalay

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Page 171
________________ :७८: अनूठा उपाय महामना मदन मोहन मालवीय बड़े ही प्रतिभा सम्पन्न व्यक्ति थे। वे गम्भीर से गम्भीर समस्याओं को सहज ही सुलझा देते थे। उनके एक मित्र थे जिनके पास करोड़ों की सम्पत्ति थी। किन्तु कुछ साथियों के धोखा देने के कारण उस श्रेष्ठी को अत्यधिक घाटा लगा। स्थिति यहाँ तक हो गई कि दीवाला निकालने के अतिरिक्त कोई उपाय ही नहीं था और दूसरा उपाय यह था कि बाजार में से ब्याज पर भारी रकम लेकर व्यापार में फिर से लगाई जाय जिससे कि व्यापार का घाटा समाप्त होकर पुन: दुगुने वेग से व्यापार चमक उठे। पर जिसका दीवाला निकलने वाला होता है उसे ब्याज पर कोई रकम नहीं देता। श्रेष्ठी उपाय Jain Education InteFoatronate & Personal Usev@ņainelibrary.org

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