Book Title: Epigraphia Indica Vol 34
Author(s): D C Sircar
Publisher: Archaeological Survey of India

Previous | Next

Page 304
________________ No. 36] 12 धि ( घे) स्तस्मात् *] क्षीरोदादिव चंद्रमा[: *] 13. प्रजायत जगत्या (त्ख्या) त: परमद्दिम NIMBAL PLATES OF KALACHURI SANKAMADEVA 14 हीपतिः ।[ । ५* ] तस्मात्मेनो (न्मेरो ) रिवात्शे (शे) - 15 षव्यापितं ( नां) तेजसां निधिः । उदितः सुभ16 []दित्यो बिज (ज) णपृथिवीपतिः । [ । ६*] 17 स च 1 आचक्राम न कां 18 जे कं देशमुत्मू (न्मू) लयांचक्रे दी (दि ) शन्न वु (बु) भु कत्त (न) रिपुं ब Second Plate: First Side 19 भार [न] रिपू[न] प्[*][श्रित][कानिह [* ] संचिक्ये न ध 20 नानि कानि न ददौ किं दानमि (मी) जे म 21 खैः कैर्न्नायं गुणरत्नरोहणगिरिः [श्री] 22 बिज (उज ) ]णक्ष्मापतिः ।[। ७*] सर्वाशातिमि[] नुद23 मुकुलयन्श (न्स) द्विषद्भु (द्भू ) भुजा (जां) हस्तांभोज24 ततीज (र्ज) गद्धवला य*]त्सर्वं (सर्वं ) स्वकीर्त्योजसा 25 [सर्वोर्वीधर]वृद्धपीठनिदि (हि) तश्रीपाद उदैत्कलानि 28 [ रम्यो] दयो स ( रा ) [ * ] सोम 27 [षिरितः पूर्ण स्फुरत्मं ( न्मं ) डल: [ ८* ] वार्ता कैव रणो । दूष्ये कि (की) लकोला 28 [त्सवेषु निनदे भेरीरखे भैरवे 29 [षु द्रुघणा]हतैः (तै ) रपि क्ष (कृ) तैस्तैः 30 हालै][ : * ] यद्य [[* ] त्रासु त ( न ) दुडु* ]वुर्न 431 को[ स ( रा ) ] त्यजः केषां वा न विदीर्यते स्म हृद ॥ 32 यं मूर्च्छानिमीलदृसां ( दृशाम् ) 33 खामणेः [* ] हेलाहेशि (षि) तनादभारभ34 रिता दीर्णा 35 राहतैः परिवलद्वी (द्वे ) ला 36 तत्ताट (दृ) गृ (ग्रि) पुराजवी (बी) जदहनप्रस्थान 37 [वे ]लास्थिति (ति) जानीत. (ते) यदि त्से (शे)ष एष [ सु] 1 The danda is unnecessary. I रिपवः का देश [ ९* ] यस्य च क्षत्रियशि यदष्टे (ष्टी) दिशा घूताश्वा ( रचा) श्वखु यदष्टौ नगाः I 229

Loading...

Page Navigation
1 ... 302 303 304 305 306 307 308 309 310 311 312 313 314 315 316 317 318 319 320 321 322 323 324 325 326 327 328 329 330 331 332 333 334 335 336 337 338 339 340 341 342 343 344 345 346 347 348 349 350 351 352 353 354 355 356 357 358 359 360 361 362 363 364 365 366 367 368 369 370 371 372 373 374 375 376 377 378 379 380 381 382 383 384