Book Title: Epigraphia Indica Vol 19
Author(s): Hirananda Shastri
Publisher: Archaeological Survey of India
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EPIGRAPHIA INDICA.
[VoL. XIA
16 यस्बेतिय कासप'गोचाय कास्यपावसानेकरीतिव्राषिप्रवराय वा(बा)प्रजातीय
ठकुरीपोथापोचाय वाछापत्राय कुमरसाणे ब्रा(ब्राह्मणाय तथा भा.. 16 रहाजगोचाय भारहाजागिरसवाई सत्यरि प्रवराय ठरत्रीवावनपौवाय तिल
पुवाय श्रोसीलसम्म प्रा(बा)वाय ग्रामोयं मयाभिःमासनी. 17 कत्य प्रदत्तो यथादोयमानभागमोगकरप्रवणिकरनियतानियतप्रकृतिसमक्षा
दायानानाविधेयोभूय दास्यथेति ॥ तवन्ति चासोकाः । । 18 भूमि' यः प्रतिरक्षाति या भूमि' प्रयच्छति । उभौ तौ पुम्य"कायो
नियतौ खगंगामिनी [१] शंखं भद्रासनं छवं वराखा(खा) वर
वारणाः । भूमिदानस्व चि. 19 हानि फलमतत्पुरन्दर [२] षष्टिं वर्षसावाणि" खर्गे वसवि" भूमिदः ।
पाछत्ता चानुमन्ता च तान्येव नरके वसेत् ॥[३] स्वदत्ता परदत्ताम्बा
यो परद 20 मुंगम् । स विष्ठायां किमि भवा पितृभिर मन्नति ॥४] गामेका
सव(ख)वर्णमक खमेरस्यक मंगुलम् । हरबरकमाप्नोवि यावदाहतसं21 अवम [५] व(बहुभिर्वसुधा भुता राजभिः सगरादिभिः । यस्वयस्व
यदाभूमिस्तस्थतस्य तदा फलम् [*]"
IRead बाश्वप. '[काम्पावत्सारमेवेतिबि.-.]
• Read पर्य. (The way in which the auparmoriptruwritten is noteworthy.-Ed.] - Read स्येतिवि. • Read श्रीखशर्मगे. Drop the awwodra.
• Read भवन्ति चाव. . • Read भूमि WRead पुष'.
WRead °सा. "Read वसति. "Read 2.
" Read रत वसुंधरा "Road किमि
"Read वा भूमेरक 17 ME. Diskalkar of the Watson Museum, Rajkot, has kindly helped me in writing down the text of the Ineeription
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