Book Title: Ek Futkal Patra Antargat Shabdayadi
Author(s): Kantilal B Shah
Publisher: ZZ_Anusandhan

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Page 4
________________ डिसेम्बर २००८ ३१ ऊंधाधलङ = ऊंधांधळं, झांखु, चूंखडु, चूंचळु, मंद दृष्टिवाळु [उद्वलिकम्] सूगामणउं = सूग उपजावनालं, घृणास्पद (सं. 'शूक' परथी.) [सूकाजनकम्] अहिवा = विधवा (सं. अधवा) [अविधवा] सूहव = सौभाग्यवती, सधवा स्त्री (सं. सुधवा) [सुधव] उत्तरिण्यु = ऋणमुक्त (हिं. उतरिन) [उत्तारितऋणम्] पद् = जामीनगीरी आपनार, जामीन, जामीनदार [प्रतिभू] (सं. प्रतिभूः > पडहू > पढू) पडूचउं = जामीनगीरीमां मूकेली वस्तु [प्रतिभाव्यम्] ऊपरियामणउं = व्याकुलता, खेद, चिंता [उत्कलिकाकुलं रणरणकं वा] उल्यु = ओल्युं, पेखें [अर्वाचीन] (?) पयलउ = पेलो, पेखें [पराचीनउ] (?) विलखउ = उदास, करमाई गयेखें, फिकुं (सं. विलक्ष) [विलक्षः] डहरवार = ? [जयद्रथवेला] (?) (टि. 'म.गु.श.'मां डहर = खाबोचियुं (सं. दहरः) मळे छे.) तांगलिणी = मळविसर्जन करवू ते. [तनुगमनिका] (टि. 'म.गु.श.'मां 'तांगणी' छे.) गोईगोसली = ? [गोप्यशिलाका] (टि. 'म.गु.श.'मां अर्वा. गुज. अर्थ अंगे प्रश्नार्थ छे.) ऊकरडी = नानो ऊकरडो, विवाह प्रसंगे कचरो पूंजो [अवकरोत्करिता] नाखवानी जगा. (दे. उक्करडी) पुञ्जो = ढगलो (सं. पुञ्ज) [अवकरः] चउकीवटु = बाजोठ, बेसवानी पाट (सं. चतुष्कपट्ट) [चतुष्कपट्टः] वटवालनउं = वोळावियापणुं [वर्मपालनं] बेहडउं = बेडु [द्विघटम्] गूढउं = छार्नु, घेरुं, न समजाय तेवू (सं. गुह्य) [गुदगूढम्] खिसरहंडी = ? [क्षिप्रसरहिंडिका] Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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