Book Title: Dwadash Koshanam Sangraha Author(s): Publisher: View full book textPage 6
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मेरिनीकोश: 4 कत्रि - - - - स्त्रीपरिमाणांतरेत्रिषु आलोकस्तुपुमान्योतेदर्शनेबंदिभाष णे 47 आन्हिकं दिननिर्वत्यैत्रिलिंगमयनयो: नित्यक्रिया भोजनयोःदेप्रकरणस्यच 48 आतंको रोगसंतापशेकाम मुरजध्वनी इस्वाकःकटुतुन्या स्त्रीसूर्यवंशनृपेपुमान् 49 | // उलूकः सिकाकाराविंद्रेभारतयोधिनि उटर्कएष्यत्काली। नफलेमदनकंटके 50 उष्मक स्तुनिदाघेस्यादातक्षिप्रकाशिण उष्टिका मृत्तिकाभांडभेटेपिकरभस्त्रियाम् 51 उर्मिकाचांगलीये स्याहस्त्रभेगतरंगयो-कनकहेमिपुसिस्याकिंशुकेनागकेसरे 52|| धतूरेकांचनारेचकालीयेचंपकेगपिचकरकस्तुपुमा पसिविः॥ शेषेदाडिमेपिच 53 दयोमघोपलेनस्त्रीकरेकेचकमंडली क ॥मुक स्तुपुमान्भद्रमुस्तकेब्रह्मादारुणि 54 फलेकासिकाया| श्वपट्टिकालोध्रपूगयोःकटकोस्त्रीनितंबादेतिनांदतमंडने 55 सामुदलवणेराजधानीक्लययोरपि कदकाकटुरोहिण्या स्त्रियांज्योषेनपुंसके 56 केटकोनस्त्रियांइंद्रशत्रौमत्स्यादि कीकसे नैयोगिकादिदोषोक्तौस्याद्रोमोचदमागयोः 57 कर। कोमस्तकेशस्यनालिकेरफलास्थान कलकों के पवादेच कालायसमले पिच 58 कर्णिकाकरिहस्ताग्रेकरमध्यांगुलावपि| ऋमुकादिछटांशेजवराटेकर्णभूषणे ५९कणिकाकथ्यतेऽत्यं तसूस्भवस्त्वग्निमथयोः कचाकस्तुदुराधर्षदुःशीलेचबिले शये 6. कंचको वारबाणेस्यानिकिकरभपिच वर्धा पकगृहीतांगस्थितवस्त्रेचसोलके 6. कंचुक्यौषधिभेदेश्य कारिका नरयोपिति कतौविवरणश्लोक शिल्पयातनयो रपि 62 नपुंसकंतुकर्मादीकारकंकर्तरित्रिषु कामुकःकम ने शोकपादपेचाऽतिमुक्तके 63 कामकंधनुषिस्थानावे णोकर्मक्षमेऽन्यवत् काचकःरुकवाकौस्यात्पीनमस्तक कोकयोः 64 क्षारकःपासमत्स्यादिपिटकेजालकेपिच // - - - - For Private and Personal Use OnlyPage Navigation
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