Book Title: Dwadash Koshanam Sangraha Author(s): Publisher: View full book textPage 9
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir mean - मेदिनीकोशः कति मरोगाश्वभेदेचतिलकालके 99 क्लीबसौवर्चलकोमोनस्त्रि योतुविशेषके त्रिशेक राजभेदेशलभेरषदेशके 100 / तुरुष्कःसिल्हकेम्लेंछेजातौदेशांतरे पिच तूलिकाकू॥ चिकायांचशय्योपकरणेऽपिच 101 दर्शक स्यात्वतीहार॥ दर्शयित्प्रवीणयोः दारकोबालकेपिस्या दके त्वभिधेय बत् 102 द्रावकोयाबभेदेस्याद्विदग्धेमोषके पिच दीप कवागलंकारेवाच्यवद्दीप्तिकारके 3 दीप्यकश्वाऽजमा|| दायांयवानीवर्हिचूड़योः दुच्छकोगंधकुट्यास्याहिता राघवकाशके 4 दूषिकातूलिकायांचमलेस्याल्लोचन स्यच धनिकासाधुनार्यानाधान्याकेत्रिसाधुधनिनोश्च 5 // स्याइनुकाकरिण्योधेनावपिनातुदानवविशेष धेनुकंक रणेस्त्रीणांधेनूनामपिसेहतौ६ नतकःकेवलेपोटगलचा रणयोनटे नर्तकीलासिकायांचकरेण्वामपियोषिति 7 न निकापिकुमास्यिात्पुमान्क्षपणबंदिनोः नरकःऍसिनि रयदेवारातिप्रभेदयोः 2 नंदकोहरिखदेचहर्षकेकुलपा|| लके नालीकःशरशल्योगेष्वब्जखेडेनपुंसकं ९नाया कोनेतरिश्रेष्ठेहारमध्यमणावपि निमोकामोचनेव्याम्निस न्मादेसर्पकंचुके 10 नीलिकानीलिनीसुदारोगशेफालि कासुच पराकस्तुव्रतेख प्रसेकासेचनेश्व्युतौ 11 प्र तीको वयव पिस्याप्रतिकूलविलोमयोः॥पद्मकस्या त्पद्मकाबिंदुजालकयोरपि 12 पक्षकस्तुपुमानुपाश्चंदा रेचपार्श्वमात्रके पल्यंकोमंचपर्यवेषापर्यस्तिकासच |13 पताकावैजयंत्यांचसौभाग्यनाटकांगयोः पातुकः पतयालीस्यात्वपातजलहस्तिनोः 14 प्राणकःसत्वजा तीयेजीवकद्रुमचोलयाः याटक स्यान्महाकिकोकटको तरवाद्ययोः 15 अक्षादिचोलनेमूलद्रव्यापचयरोधसोः। - - - -ramme - For Private and Personal Use OnlyPage Navigation
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