Book Title: Digambar Jain 1923 Varsh 16 Ank 10 Author(s): Mulchand Kisandas Kapadia Publisher: Mulchand Kisandas Kapadia View full book textPage 1
________________ Digamber Jain-Surat. "Regd. No. B-744. VASNA श्रावण। rw cܫܫܗܒܪ̈ܒܫܒܫܫܫܫܫܫܡܡܡܫܡܫ बीर सं० २४४९ संपादक वर्ष १६ वां अंक १० विक्रम १९७९, मूलचंद किसनदास कापड़िया-सूरत। । ई.सन् १९२३ मा विषयानुक्रमणिका । नं० विषय | पृष्ठ १ संपादकीय वक्तव्य .... २ दशलाक्षणी पर्वका कर्तव्य ( विद्यानंद शेरसिंह ).... ५ ३ भ० सुरेन्द्र कीर्तिनीने खुल्लो पत्र (सोया) .... ६ ४ जैन समाचार संग्रह ५ सूचीपत्र शास्त्रभंडार नृसिंहपुरा दि जैन मंदिर-सूरत र महिलाओं का कर्तव्य (या • कामतापसाद जैन) ७ सम्पादकके लक्षण पं० देवेंद्रकुमार गोधा ) .... ८ धार्मिक मनुष्यनां गुणो (मोहनलाल मथुरदास शाह) २ प्रेम ( पं० गोरे लाल पंवरत्न, जवेरा )........ १० करमसद के प्राचीन दर्शनीय ग्रन्थ ......... १ आरोग्य शिक्षा .. SE25252525252525252525252525252525252525252|| SAREE BALL ANSAR SIRON STATE MEEमममममममममममममममान पेशगी वार्षिक मूल्य रु०१-१२-० पोस्टेज सहित ।Page Navigation
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