Book Title: Dhatupradip
Author(s): Srishchandra Chakravarti
Publisher: Varendra Research Society

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Page 117
________________ धातुप्रदीपः / 107 उको विवासे / 15 / उच्छति। व्युष्टिः / “व्युष्टं कल्ये विपाशित” / अयमपि भ्वादौ पठितः / स्वरभेदाय / ऋच्छ गतीन्द्रियप्रलयमूर्तिभावेषु / 16 / ऋच्छति। आनर्छ / आन तुः / ऋच्छिता। समृच्छिष्यते / ऋचिच्छिषति / . मिछ उत्क्लेशे / 17 / मिच्छति / "मिमिच्छ रोगिणं तदा" / मिमिच्छिषति / (5) जर्च चर्च झर्च परिभाषणसन्तर्जनयोः। 18 / 20 / जर्चति / चर्चति / चर्चितम् / विचचिंका। झर्चति / जमर्च / जर्ज झर्भ इत्येक। जर्जति / जर्जरः / झमति / झर्भरः / त्वच संवरणे / 21 / त्वचति / त्वचः / त्वक् / ऋच स्तुतौ / 22 / ऋचति / आनर्च / आनृचतः / अर्चिता। अय॑म् / ऋक् / अईनच: अईर्चम् / अर्चा / उन्ज आर्जवे / 23 / उन्नति / उलाञ्चकार / उनिजिषति / अभुग्रहः / समुद्गः / न्युनः। उभ उत्सर्गे / 24 / उमति / श्रोझीत्। उजिझिषति / उद्यः / दोपधोऽयम्। लुभ विमोहने / 25 / लुभति / लुलोभ / लोभिता लोब्धा / लुभित्वा लोभित्वा। विलुभितः / (6) लुभ्यतीति तु लुभ गायें इत्यस्य / रिफ कत्थनयुद्धहिंसादानेषु। 26 / रिफति। रिरेफ। नोषधात् तफान्तादेति (1 / 2 / 23) नोपधग्रहणसामर्थ्यानित्यमकित्त्वमिच्छन्ति / रेफित्वा / रेफः। ___टफ टन्फ हप्तौ / 27 / 28 / ढफति / तर्फिता। तर्फित्वा / हम्फति / तहम्फ / टम्फिता। फित्वा सम्फित्वा / ___ तुप तुम्म तुफ तुम्फ हिंसायाम् / 28 / 32 / तुपति / तुम्पति / तुफति / तुम्फति / तुपतुम्यग्रहणं वादी स्वरार्थम् / (5) उत्क्लेश: पौड़ा। (6) सुमो विमोहन इति (12 / 54) क्वामिष्ठयोनियमिद।

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