Book Title: Dhatupradip
Author(s): Srishchandra Chakravarti
Publisher: Varendra Research Society

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Page 142
________________ 132 धातुप्रदीपः। जल अपवारण / 10 / जालयति / जालम् / पौड़ अवगाहने / 11 / पौड़यति / अपौपिड़त् अपिपौड़त्। पीड़ा। नट अवस्यन्दने / 12 / चौरस्योबाटयति / प्रनाटयति / (4) श्रथ प्रतियत्ने / 13 / श्राथयति / अशिश्रथत् / (5) बध संयमने / 14 / बाधयति / अबीबधत् / पृ पूरणे / 15 / पारयति / पार्यते / पारयः / पारकः / अर्ज बलप्राणधारणयोः / 16 / अर्जयति। और्जिजत् / अर्जिजयिषति / ऊर्जा / ऊर्जखी। अर्जितम् / जर्क / ऊर्जी। वर्ण चूर्ण प्रेरण / 17 / 18 / वर्णयति / चूर्ण यति / वर्ण गृण्णाति वर्ण- . . यति / चूर्णेरवध्वंसयति चर्णयतीति व्युत्पत्त्यन्तरम् / प्रथ प्रख्याने / 18 / प्राथयति / अपप्रथत् / पृथ प्रक्षेपे / 20 / पर्थयति। अपीपृथत् अपपर्थत् / षम्ब सम्बन्धे / 21 / सम्बयति / सम्बयाञ्चकार / अससम्बत् / शम्ब च / 22 / शम्बयति / शम्बलम् / भक्ष अदने / 23 / भक्षयति / भक्षयाञ्चकार / अबभक्षत् / कुट्ट छेदनभत्सनयोः / 24 / कुट्टयति मांसम् / कुटकः। षाकन् कुटाकः। कुट्टाको। कुट्टः / कौष्टिकः / कुट्टनम् / कुटिमम् / पुट्ट चुट्ट अल्पोभावे / 25 / 26 / पुह्यति / चुट्टयति / अट्ट पुट्ट अनादर। अट्टयति। अहिटत् / अहिटयिषति। सुध्यति / सुदृयाञ्चकार / असुषुदृत् / सुषुदृयिषति / लुण्ठ स्तेये / 27 / लुण्ठयति / षाकन लुण्ठाकः / लुण्ठाकी। शठ खठ संस्कारगत्योः / 28 / 28 / शाठयति / खाठयति / खठि इत्येके / 30 / खण्ठयति / (4) अयं न बोपदेशः। (5) भट्टोनिमते श्रथ प्रयत्ने इति। माधव आहे "श्रथ प्रस्थान इति मैवेय" इति। अस्माकं पुस्तकेषु तु एतनास्ति / परन्तु सर्वत्र व श्रथ प्रतियन इति पाठी लभ्यते /

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