Book Title: Dharmshastra ka Itihas Part 1
Author(s): Pandurang V Kane
Publisher: Hindi Bhavan Lakhnou

View full book text
Previous | Next

Page 4
________________ प्रकाशकीय भारतरत्न, महामहोपाध्याय डा० पाण्डुरंग वामन काणे द्वारा रचित तथा अर्जुन चौबे काश्यप द्वारा अनूदित "धर्मशास्त्र का इतिहास' उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान द्वारा पाँच खण्डों में प्रकाशित किया गया है। इसमें प्राचीन एवं मध्यकालीन भारतीय धम तथा लोक विधियों का विवरण दिया गया है। प्रत्येक खण्ड अपनी दृष्टि से महत्वपूर्ण है। यह ग्रन्थ हिन्दी-जगत में अत्यन्त लोकप्रिय हुआ है। धर्मशास्त्र का इतिहास (प्रथम भाग) के अभी तक तीन संस्करण प्रकाशित हो चुके हैं। इसका चतुर्थ संस्करण प्रस्तुत करते हुए प्रसन्नता का अनुभव करना स्वाभाविक ही है।. विश्वास है कि इस संस्करण का भी उसी प्रकार स्वागत होगा जिस प्रकार विगत संस्करणों का 'स्वागंत होता रहा है। ३ जून, ९२ बिनोद चन्द्र पाण्डेय निदेशक Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 ... 614