Book Title: Dharmapariksha
Author(s): Amitgati Acharya, Balchandra Shastri
Publisher: Bharat Varshiya Anekant Vidwat Parishad

Previous | Next

Page 4
________________ आचार्य श्री विमल सागर जी तुभ्यं नमः परम धर्म प्रभावकाय, तुभ्यं नमः परम तीर्थ सुवन्दकाय । 'स्याद्वाद' सूक्ति सरणि प्रतिबोधकाय, तुभ्यं नम: विमल सिन्धु गुणार्णवाय ।। आचार्य श्री भरत सागर जी आचार्यश्री भरतसिन्धु नमोस्तु तुभ्यं, हे भक्तिप्राप्त गुरुवर्य नमोस्तु तुभ्यं । हे कीर्तिप्राप्त जगदीश नमोस्तु तुभ्यं, भव्याब्ज सूर्य गुरुवर्य नमोस्तु तथ्यं ।। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 ... 409