Book Title: Devi Puranam
Author(s): Pushpendra Sharma
Publisher: Lalbahadur Shastri Kendriya Sanskrit Vidyapitham
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काश्चिज्जयजयाः काश्मीरमम्बरश्चैव
काश्योऽत्रि वशिष्ठश्च
काश्यपस्य सुतः
काश्यपो यजते
काश्यपं यजुर्वेदतु
काष्ठेष्टमथवा
काषायवाससश्चैव
किमायातो भवांश्चात्र
किमेतद्भुतं रूपम्
किं कार्यम्
किङ्किणी fiful रव
कङ्किणी शब्द
किष्किन्धये भैरवी
किञ्च लोक
किन्नरांद्याः
किन्नरींग सङ्की
किंतु भोः
किं प्रमारणम्
किम्प्रमाणन्तु
किं
पुनः
कि पुरस्य तु. कि योग:
किंवा सा
किं वा वदन्ति
किं वेदी रूपमानेन
किम्वा लम्बूक वीरणायाम्
किन्तु सत्यव्रत
कीट केश
क्रीडन्ति
क्रीडस्व मत्प्रसादेन
क्रीडार्थ येन
क्रीडामि सततम्
कीर्तनम्
देवीपुराणम्
६३.२३८
४३.७१
४६.२६
४७.१२
३६.६
१०७.४८
कुङ्कुमा गुरू कर्पूर
७३.३२
कुङ कुमागुरू कर्पूर
६६.४ मागुरू कर्पूरसि ३६·५५. कुम्कुम।गूरूकर्पूरमदेन
११९.६४ कुंकुमेन सदर्पण
६३.६५
कुण्ड
३५.६
१२८.१२
५०.३०३
४४. ११
१७- २ कुन्तदारितदेहास्तु
६७.२०
कीर्त्तनं यत्र
कीर्तिलक्ष्मीर्द्युतिः
कुङ्कुमादि
कुङ कुमागुरु
कुकुम गुरूगन्धश्च
६३.५८
१०७-११
६३-६६
कुण्डलाभ्याम्
कुतोऽहम्
कुन्द
३.२२ कुबेरो यक्ष
१०८७
कुब्जांच
१४.२
कुमार रूपधारी
६३.५७
कुमारिकाश्च
५.१५
कुर्य्यात्
३.५६
कुर्यात् त्रिषवण
१०:१:६
१४.२
२.६१
१२३.१६
कुत्रवा गच्छ से
कुन्तकर्पूर
कुवलयादल
कुर्वकुर्व
कुर्वन्ति भक्ति
कुलक्षयमतो
कुरूपेण कुरूपम्
कुरूते कोट
६३·२६६____कुरूक्षेत्रम्
६४-५५ कुरूक्षेत्रोत्तरं भागम्
३६.३१
कुरूक्षेत्रं विदुः
१२७.२१६
कुशद्वीपम्
१-१२ कुशद्वीपे
४७७
१-१५
६७.४२
५२.३
५.४६ ६१·५
६३.२२०
५०.१०५ २०.६
६७.४
२७४
७६.४४
६६.२६
५०. २७१
१२७.५५
१२७.४०
८६-१७
८५.५१
८५.५६
७२६
३६.६०
१२.८
३७.८३
३.१६८
४३.३१
१२०.१८
१७.३४
७७८
६३.१११
६८.६१
६३. १५८
६.७१
६६.१०
३८.५
६३.३
३.५ ८.६
३६.१६
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