Book Title: Devi Puranam
Author(s): Pushpendra Sharma
Publisher: Lalbahadur Shastri Kendriya Sanskrit Vidyapitham

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Page 554
________________ श्लोकानुक्रमणिका १००.२ बहुसैन्यान् समादाय बहुहव्ये धने शुद्धे बालानाम् बालार्कशतभागस्य बालरज्वा निवर्तन्तु बिल्वपत्रैः बुध्या द्वयं गुल ३६.८८ ब्रह्मशास्त्र १२६.३४ ब्रह्मणा शिव १२.३६ ब्रह्माणं शकरम् ८३.७३ ब्रह्मणः सष्टिकामस्य ११८.१२ ब्रह्महत्याम् १२३.२५ - ब्रह्महत्यादिपापानाम् ६७.१० ब्रह्महा गुरुघाती १२२.२२. ब्राह्मणः २.७५ ब्राह्मणः क्षत्रियो ११६.५२ ब्राह्मि कौमारी १२.२,३६.२७ ब्राह्मी देवी ब्राह्मी च वैष्णवीम ३७.६० १२०.५ ब्राह्म नीवार ८७.१८ ब्राह्म मुहूर्ते ११६.२१ ब्राह्मी हसासना ९३.१८१ बृहदस्य शरीरम् १२६.२४ ११६.२,६८ ५०.२७३ २८.१६ ८३.११८ ७६.३२ ११.१ १७.१६ बीभत्सु ६१.४ ६०.१६ २.७० ५०.१४१ ३७.४१ ४.७ ८.३ बृहस्पति बुद्ध्वा ब्रह्माण्डान्तर्गत ब्रह्मणा कथितम् ब्रह्माणं कारणम् ब्रह्मचर्य दया ब्रह्माद्यान् असृजत् ब्रह्मणेऽनन्त ब्रह्मस्यापि ब्रह्मस्य ह्यासनम् ब्रह्मा पितामहो ब्रह्मपुत्र ब्रह्मणा पुष्करे ब्रह्मापि पूजयते ब्रह्माणी ब्रह्मजननी ब्रह्मणा या ब्रह्मा वा ब्रह्म विष्ण ब्रह्मण्या च ब्रह्मविष्णुपुरस्कृत्य ब्रह्मविष्ण्विन्द्ररुद्राणाम् . ब्रत्तविष्णूयम ब्रह्मा विष्णुश्च ब्रह्मलोके समाख्यातो ब्रह्मरूपा स्वरूपा ब्रह्मरूपधराम् ५०.२१ बृहस्पतिना १३.१४ बृहस्पतिर्महाप्राज्ञः ३६.२ ६१.७ ३७.८१ भक्तानाम् २५.२;६५.१८ भक्त भोज्यानतपानेन ४.२२ भक्ति मुक्ति - २.१३;२८.२,५६.२६ भगं ते वरुणे १२७.१२६ भग्नवृन्दम् १२७.६६ भगवन्नस्मत्तातेन २०.१६; ३५.२६ भगवन कर्मणा ६.२२ भगवान् कि परा ७६.२२ भगवंस्त्वम् ४७.३२ भगवस्तव वाक्यानाम् १२७.१६८ भगवन् देवदेवेश ८४.२४ भगवन् देवता १६.४१ ३१.२७ २६.२० ६६.१३ ८५.४० २.१६ ८०.२३ १.२ ८१.१

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