Book Title: Devi Puranam
Author(s): Pushpendra Sharma
Publisher: Lalbahadur Shastri Kendriya Sanskrit Vidyapitham

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Page 524
________________ देवीपुराणम् ४८१ २८.५ १२८.३२ ७६.१ ५६.१० ५०.२३६ ५०.१६६ १२.१६ ७६.२६ गुरो द्वादश मासान्ते गुरुपितृ सुहृद् गुरोर्भावगतम् गुरवो दक्षिणम् गुरुशुश्रूषया गुहासु च गूढातीतञ्च गूढ़ गुल्फो गूढ मन्त्र गेयेश्च मधुरैदिव्यः । गृहकाष्ठतृणापि गृहेषु गृहेषु कृत गृहे षोडशभागेन गृह मण्डपाविद्या गृह्नाति तावत् गृहे तु शोभना गृहित्वा गोकर्णो गोध्नश्चैव गोतीर्य गोत्र क्रमेण . गोदानम् गोदावरी गोपुरस्य प्रमाणन्तु गो ब्राह्मण गो भू हिरण्य गोमूत्रगोमयाहारो गोमेधो अश्वमेघश्च गोरोचना गोरोचना गो विवाहोऽथवा गो श शिशु ४६.४६ गोष्ठे वा गो सहस्न १२७.८ गौरी काली गौरीमिभाय ११.३४ गौरी वृद्धा २५.१६ गौरी शङ्केन्दु ८३.७६ गौः संवत्सा ३२.२६ धर्घ रेणाप्ति ३६४३ घटेश्वर महादेवम् ६३.२२८ घटिकांगार ७२.१०० घन्टा किङ्किणी ६६.१४ घन्टाकिङ्किणी १३.५६ घण्टाचामर घन्टाचामरविन्यस्तैः १२५.६ धण्टाचामरशोभाढ्यः ३६.१५८ घण्टा डमरु ५०.६५ घण्टादि सर्वदा .३७.१७ घण्टा दर्पणदीपाद्यम् ३६.१३ धण्टानिनाद शब्देन १२७.२३३ घण्टारवा ६८.१ घातितम् ५०.६३ घातनीयो घातमाना रिप्रम् घ्राणो तगरकर्पू रो ७४.१५ घृतं निष्क्रमणम् . ७२.११२ घृतपूर्णानि ५०.१३४ घृतमाषान्न ५०.३३४ घृतक्षीर वसादीनि १११.१५ घृतक्षौद्र ६७.१ ३१.२५ घोरः काष्ठसमृद्धः ६५.१०० घोर-प्रलोभनार्थाय ६०.२ घोरो महाघोर ४६.८८ धोर रूपाच कापाली ८५.११ ७६.६ ५०.३२५ ४.४४; ३१.४ ६१.४४ १२.२०४ ६३.८६ २८.८ ३६.१६० १२३.८ ९०.२५ ८३.१०० १२७.१३७ १७.६ १३.७३ ३२.३७ ५०.३२२ १२४.६ १०१.६ १२१.२७ २७.१४ १२२.२० १.४१ २०.२४ १२७.१४१

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