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काल :
___ किसी भी प्राचीन सूची में इस पुराण का नाम पुराणों या उपपुराणों की सूची में प्राप्त नहीं होता है। किन्तु पुराण अर्वाचीन नहीं है क्योंकि बहुत से प्राचीन निबन्धकारों ने इससे बहुत अधिक उदाहरण दिये हैं । रघुनन्दन, मित्रमिश्र, नरसिंह बाजपेयी, शैव नीलकण्ठ तथा एका म्रपुराण में इसको उपपुराण स्वीकृत किया गया है।
निम्नलिखित निबन्धकारों एवं विद्वानों ने इससे एकाधिक उदाहरण दिये हैं । १. गोपालभट्ट-हरिभक्ति विलास--देवीपु० अ० ५१,६१,११८ २. गदाधर-कालसार-देवीपु० अध्याय २१,२२,२४,५६,६१,६६ ३. अनन्तभट्ट-विधान पारिजात-देवीपु० अध्याय ५४ ४. नरसिंह वाजपेयी-नित्याचार प्रदीप-देवीपु० अध्याय-३२,३४,५०,५१,१२६ ५. रघुनन्दन--स्मृतितत्व-देवीपु० अध्याय २१-२४;५०,५१,५४,५६,६१,७८
दुर्गा पूजा तत्व-देवीपु० अध्याय २१-२३,५०,५४,५६,१२३ ६. गोविन्दानन्द वर्ष कौमुदी-देवीपु० अध्याय-२१,२४,५६,६१,७८
दानकौमुदी–देवीपु० अध्याय ६० ७. श्रीनाथ आचार्यचूड़ामणि-कृत्य तत्वाणंव-देवीपु० अध्याय--२२,२४,५६,६१
वाचस्पति मिश्र-तीर्थ चिन्तामणि-देवीपु० अध्याय--५४ श्राद्ध चिन्तामणि--देवीपु० अध्याय ५६
कृत्य चिन्तामणि-देवीपु० अध्याय ४८,४६ ६. रुद्रधर-वर्षकृत्य श्राद्धविवेक-देवीपु० अध्याय-२४,५६ १०. शूलपाणि दुर्गोत्सव विवेक--देवीपु० अध्याय - २१-२३,६१
प्रायश्चित्त विवेक-देवीपु० अध्याय ६७
श्राद्ध विवेक-देवीपु• अध्याय ५६ ११. चक्रेश्वर-कृत्यरत्नाकर—देवीपु० अध्याय १२,२१,२२,२४.३३,५०,५६,६१.६२ ७४
गृहस्थरत्नाकर; दानवाक्यावली–देवीपु० अध्याय ८६,६१,९६,१०२,१०४.११७,१२३,१२७
मदनपाल-मदनपारिजात-देवीपू० अध्याय ५१,५६,६६ १३. माधवाचार्य-कालनिर्णय--देवीपु० अध्याय २४,७४,१०४ १४. विद्यापति-दुर्गा भक्ति तरगिणीं-देवीपु० अध्याय २१,२३,५०,५१,५४,५६,८६,६१
गंगाभक्ति तरंगिणी-देवीपु० अध्याय-११७,१२३,१२४ १५. श्रीदत्त उपाध्याय-आचारादर्श-देवीपु० अध्याय ५०,५१
समय प्रदीप-देवीपु० अध्याय २४,४५,५६,६१,७६