Book Title: Descriptive Catalogue Of Manuscripts Vol 26 Author(s): P K Gode Publisher: Bhandarkar Oriental Research InstitutePage 20
________________ Ends. - fol. 98 आत्मा सर्वांतरः कतमो याज्ञवल्क्य सर्वांतरो न दृष्टेष्टारं पश्येनश्रुतेः श्रोतारः शृणुयानमतेमंतारं मन्वीथा न विज्ञातेर्विज्ञातारं विजानीया एषत भात्मा सर्वांत तोन्यदात्तं ततो होषस्तश्चाक्रायण उपरराम २७ चतुर्थ ब्राह्मणं ॥ बृहदारण्यकोपनिषद् No. 696 Size. — 13‡ in. by 5 in. - Extent. - 41 leaves; 11 lines to a page; 45 letters to a line. Description. Upanisads 1 Country paper; Devanagari characters; handwriting bold, clear, legible and uniform; borders ruled in triple black lines; yellow pigment used for corrections; folios numbered in both margins; slightly moth-eaten. The Ms. contains adhyāyas 3-8. Age. – Does not appear to be very old. Begins. - fol, 10 Ends. - fol. 410 Bṛhadāraṇyakopanisad 31 1899-1915 ॥ श्रीगणेशाय नमः ॥ भा उषा वा अश्वस्य शिरः सूर्यश्चक्षुर्वातः प्राणो व्यात्तमग्निर्वैश्वानरः संवत्सर आत्माश्वस्य मेघे... द्यौः पृष्ठमंतरिक्ष मुदरं पृथिवी पाजस्य दिशः पार्श्वे अवांतरदिशः etc. बृहदारण्यकोपनिषद् No. 697 सांडिल्याच्छांडिल्यो वात्स्याद्वात्स्यः कुश्रे (:) कुश्रिर्यज्ञत्रचसो राजस्तंबायनाद्यशवचा राजस्तंबायनस्तुरात्कावषेयात्तुरः कावषेयः प्राजापतेः प्रजापति ब्रह्मणो ब्रह्म स्वयंभु ब्रह्मणे नमः || ४ || इत्यष्टमस्य पंचमं ब्राह्मणं ॥ इत्यष्टमोध्यायः समाप्तः ॥ छ ॥ छ ॥ छ || शुभमस्तु ॥ श्रीमल्लारिपदां भोजषट्पदा यितचेतसः । मंबाजीशर्मणो ह्येतत् पुस्तकं विद्धि शोभनं ॥ १ ॥ Bṛhadaranyakopanisad 29 1899-1915 Size. 8 in. by 4 in. Extent. - 65 leaves ; 9 lines to a page ; 30 letters to a line.Page Navigation
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