Book Title: Dashvaikalika Sutram
Author(s): Haribhadrasuri, 
Publisher: Shripalnagar Jain S M P Trust

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Page 13
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir BEE श्रीदशवैकालिक श्रीहारि० वृत्तियुतम् 13|| श्रीदशवैकालिकसूत्रस्यानुक्रमः क्रम: विषयः सूत्रम् नियुक्ति: भाष्यम् पृष्ठः । क्रम: विषय: सूत्रम् नियुक्तिः भाष्यम् पृष्ठः १.३४ चरितकल्पितोदाहरणं पायश्व-अभयकुमारस्यतदुष्टान्तक्ष। चौरभावविज्ञानो१.३५ उदाहरणस्य चतुर्भेदाः दाहरणञ्च। प्रतिभेदाच। ५६ १.४२ द्रव्यानुयोगमधिकृत्योद्रव्यापाये-वणिग्भ्रातृ पायदर्शनं आत्माकथानकम्। स्तित्वाभिधानं च। - ६३-६५ - क्षेत्रापाये दशारवर्गस्य १.४३ चरणकरणानुयोगमकालापाये द्वैपायनस्य धिकृत्य भावापाये च हिङ्गशिवोदाहरणम्। -६६-६७ - मण्डुकिकाक्षपकस्य १.४४ स्थापनाकर्म । ६८ - कथानकाः । - ५६ - १.४५ प्रत्युत्पन्नविनाशद्वारे १.३८ चरणकरणानुयोगमधि गान्धर्वकोदाहरणम्। - ६९ - कृत्यापायनिरूपणम्। - ५७-५८ १.४६ प्रत्युत्पन्नविनाश१.३९ द्रव्यानुयोगमधिकृत्या द्वारम्। ७०-७१ पायनिरूपणम्। - ५९ - १.४७ 'तद्देशे'ति चतुष्प्रकारेद्वितीयोपायद्वारे ध्वनुशास्ती'ति प्रथमद्वारे चरणकरणानुयोगमधि सुभद्रोदाहरणम्। - ७२-७३ - कृत्य द्रव्यक्षेत्रोपायः। - ६०-६१ - ६४ १.४८ अनुशास्त्युपसंहारः। - ७४ १.४१ कालोपायो-भावो १.४९ द्रव्यानुयोगमधि ॥३॥ REPEHAR For Private and Personal Use Only

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