Book Title: Dashvaikalika Sutram
Author(s): Haribhadrasuri, 
Publisher: Shripalnagar Jain S M P Trust

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Page 12
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir क्रम: विषयः सूत्रम् नियुक्तिः भाष्यम् पृष्ठः श्रीदशवैकालिक श्रीदशवैकालिक श्रीहारि० वृत्तियुतम् ॥२॥ नक्रमः - १.१५ . W0 'यथास्थापितानी'ति पञ्चमद्वारे संक्षेपणाध्ययनार्थाधिकाराः। - २०-२३ संक्षेपेण चूडाद्वयार्थाधिकारः। - २४-२५ अध्ययनशब्दस्यौधादि निक्षेपाः। भावाध्ययननिक्षेपः। - २८द्रुमपुष्पनिक्षेपप्ररूपणा। ३४ दुमपर्यायशब्दाः । - पुष्पैकार्थिकानि सुसमादृष्टान्तादिश्च। - ३६-३७ संहितादिषड़िधा व्याख्या। १ चालनाप्रत्यवस्थानयोः प्रवृत्तिः। धर्मपदनिक्षेपाः द्रव्य क्रमः विषयः सूत्रम् नियुक्तिः भाष्यम् पृष्ठः धर्मनिक्षेपाश्च। - ३९-४० - ३४ १.२४ धर्मनिक्षेपेऽस्तिकायादि धर्मस्वरूपः धर्मनिक्षेपे भावधर्मभेदाः। - ४१-४२ धर्मनिक्षेपे लोकोत्तरो भावधर्मः। द्रव्यभावमङ्गलम्। १.२७ हिंसाऽहिंसास्वरूपः। - .२८ संयमप्रतिपादनम्। - .२९ बाह्यतप:प्रति पादनम्। अभ्यन्तरतपःप्रतिपादनम्। जिनवचनस्याज्ञायुक्त्युभयसिद्धत्वम् । - पञ्चावयवदशा वयवाः। १.३३ उदाहरणहेतुस्वरूप: उदाहरणैकार्थिकाच। - ५१-५२ १.३० ३८ १.२३ 29808880800DE For Private and Personal Use Only

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