Book Title: Dashvaikalika Sutram
Author(s): Haribhadrasuri, 
Publisher: Shripalnagar Jain S M P Trust

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Page 16
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir श्रीदशवैकालिक श्रीहारि० वृत्तियुतम् ॥६॥ श्रीदशवैकालिकसूत्रस्यानुक्रमः २.५ १.८७ क्रमः विषयः सूत्रम् नियुक्ति: भाष्यम् पृष्ठः । क्रम: विषयः सूत्रम् नियुक्तिः भाष्यम् पृष्ठः विपक्षविपक्ष पूर्वशब्दस्य च त्रयोप्रतिषेधावयवौ। - १४२-१४३ - १२४ दशविधनिक्षेपाः। - १५९-१६० - |१.८६ षष्ठो विपक्ष सङ्कल्पवशस्य प्रतिषेधावयवः। - १४४-१४५ - १२५ असमर्थत्वम्। १ - - सप्तमोदृष्टान्तः अष्टम कामशब्दस्यआशङ्का नवम निक्षेपाः। - १६१-१६५ स्तत्प्रतिषेधः। - १४६-१४७ - पदशब्दस्य निक्षेपाः। - १.८८ दशमं निगमनम्। - १४८ पदशब्दस्य निक्षेपाः ज्ञाननयः। १४९ द्रव्यभावपदम्। - १६७-१६८ - क्रियानयः। १४९ भावपदं स्थितपक्षः। - १५०-१५१ १३१ ग्रथितपदं च। - १६९-१७४ - ।। द्वितीयमध्ययनं श्रामण्य अपराधपदं पूर्वकाख्यम् ॥ १-१११५२-१७७ - क्षुल्लकथानकं च। - १७५ - अभिसम्बन्ध:-श्रामण्य अपराधपदेऽष्टादशपूर्वकस्य च निक्षेपः। - १५२ - शीलाङ्गसहस्रप्रतिश्रमणनिक्षेपाः। - १५३-१५७ - १३२ पादनम्। - १७६-१७७ - १४४ श्रमणस्य पर्याय त्यागिस्वरूप: शब्दाः । - १५८ - सुबन्धुकथानकं च। २ - - २.४ श्रमणपर्यायाः २.१३ त्यागिस्वरूपः arr or mmmm SON 00mm 9NNO. 88888888888888888888888888888888888888888888888888888888888888888888888888888888888 १.९१ ००००० For Private and Personal Use Only

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