Book Title: Chintamani Parshwanath Diwakar Chitrakatha 04
Author(s): Vijaymuni, Shreechand Surana
Publisher: Diwakar Prakashan

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Page 20
________________ चिन्तामणि पार्श्वनाथ पौष कृष्णा दसमी के दिन रात्रि के समय, माता वामादेवी ने नील वर्ण वाले सर्प चिन्ह युक्त अत्यन्त सुन्दर पुत्र को जन्म दिया। देवी-देवता, इन्द्र-इन्द्राणी स्वर्ग से पुत्र का जन्म कल्याणक मनाने वाराणसी नगरी में आये। गि Soयाला दिन महाराज अश्वसेन ने भी पुत्र का जन्मोत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया। माता वामादेवी द्वारा अंधेरी। रांत में महाराज के पार्श्व में सर्प जाता देखने के कारण बालक का नाम पार्श्व कुमार रखा। सापक पOPTIDIO Socebos वाPRON # जन्म उत्सव Jain Education International 18 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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