Book Title: Chandraras Patra Author(s): Mohanvijay, Kesharvijay Publisher: Yakruli View full book textPage 8
________________ दो वेदशा राम लमांनीक्वनमहाराज राणे रातमेदनील ४ लगवामी ६ २० २ गादीनाला वदनी मृगनयली एसो दलवियाल वीरमतीदिनीवासीस विदीयात वादसाधर ससने हतामहवर सांचाल पदमशेषरावाईम निडर गनिनगर गया। तोमते नृयनी लेइरालापतिषलो दिल नितश्नवतेने हदी हा जगवें ल ६ वीरमत्तिचित्त सेो कि संबंधव हे सदाल चावतिमनमादिना ते कदाल मनमकरेत तेहने सो कि नोला के के दो काई करे जत्रा वनौचित्र मोपाल वैस प्रातमड बजे सालिम कोई करवंत गरजयनोल थंडसु नीरचित सुन स्पेन प्रसादती तदा ममम मनिदाल दी सोया साल पीक दोन कीनिया चाल र दाबालक नामक टोक दी सुतसन ही दिन करूं वृद्धियों विश्वविद्याली जौनोल दिया सुरंगोलीताल २० सुनमा चिरने अतिरली दादान होने क तान वियेलेनबलते बालावाल तेशवानी वीर समयतनरपि १९ वेद किरण समग्र सानिलो मिसुरतरुत गि नदिनललाल मनमसरिया बालकही सनद ललितले नितमPage Navigation
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