Book Title: Chandraras Patra
Author(s): Mohanvijay, Kesharvijay
Publisher: Yakruli
View full book text
________________
| चंदरासय रसनागररियाना डिरिकताकामाउनाश तमसुक्टेराखीवारी कनशनरत
स्सुनारिवलीनल सबंधअवधारवादमयतातरसार तितोसतगावरगारर रुन
अमेएकसरोवारं तिजीवदया राष्ट्र कदीएबाटुकेसाचूरदयविधानिमसर बीरदायवमयुगवाणुरामा सशाप्रकाधीरे २०० मिवातासमतीलु न्याई ऋमित्रायवठाहतसाचोमानस्थीतार२०८ मनिसहरवीशाणी कहलकात्तीपी गोरे घमाधानमावीतीगीर रूथमुकोणासमोरलागो वतावनयागे एहवोकि सोजमनेसायगिरि २० सरकारकजनरलागी विद्याधरंमुमनेकांच्या निरोशंसासमा । करिशठगरि रु २१ शोवनयंजरमरतोहिश्वर कहती सघलुसइदतार गरम एकदिनविद्याधरह करवरिनमादरोगह गयमुनिवदनअतिनिदरे वसविनिरपेया तकानात उमाकदोलिसनावी तवसनियरमेदारिगर विधिबधनअधिकार को शिविवरीभागमार सुमछोडवाकरवाजघगाश्रीरंग र होतियारमतारमतो को विनयवनप्रतिक्षमतावावरूदावोगमतसिह काहीउकशागलयातानी हवाजता कहिवानी विमुकछनथीकोमानारे श्रोसिदासयामाहरिमानविदेलादरी र कहिवितासाझसिताहरीर दानवरोशीलदयानिमाशा जाणायकशास्वनिलाशी सु

Page Navigation
1 ... 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 ... 208