Book Title: Chandraras Patra
Author(s): Mohanvijay, Kesharvijay
Publisher: Yakruli

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Page 10
________________ वेदशारा दनरेदसंबंध अतिरीकाचीत सुनके में करीरे ६ बारे बा ल लेकरा बांधी बालमान के इमरनिङबालनेरे सीमेहीमा साधु के ईसीबादीमा मरे नि नभेगहीने हा सुराम कारेगारे सुषमली वलादे हीर शेतानि मन सुनोतिर सुतसुरतरुन युवतीमवनमेंन मनमानायचा काम देषीवीरमतीतदार मुखमेलेनीसास वनको डाली गई बोया जीवीदास देवने देउ सारे नदी कमरे सुनविणी स्वाको मनी ममनविकारमश्म ७ सु० जिममंदिरदाय कविनारे देदी दिल मिदेदरे सिमऊसुम दिलवाना मिडल विनोद झोन विना वादा (मोन विनामिदोन असनस्योदानादिमा बलिकेत विनाडिमगोन सुरु ग मेरे नरमाटो नारिये ऐकास री से शरमेच्तार सुरु २० वि कोरे अनयदनगरमा संयमी येवीणा को इनवेितसार २२ श्रवनवेरे दोडीपनिकी केसरवर नोनको दो एक दिनिदाघ सु २५ मकुहीतिरता लियैरे सारे वादली सरवीनविय सु. १५ सेगस हेली बाईकमउमे एमरे ही सोती महणाल

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