Book Title: Chandraras Patra
Author(s): Mohanvijay, Kesharvijay
Publisher: Yakruli

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Page 7
________________ लनट शितिगढ़ने करओडीकाम नविनिकालिएकूला मगमूदिश्वामि रतनडात न करी राम मनेन रसिरमा नीनिघणा मोटानें महाराज | प्रधानलयमधीसी डाएरतास डोडो दवान श्ते हमें वेदवाहोप्रयास न मोटु लाग्नुपावली का मिलिया एक न्या कहियेामख ४ द करणीकालिका योगी कन्यावेदनीश्रनिमेष में ताब्यो सघलेशिद यू सविसाम तयासी नृपनीका व्याग त्याग वाचा धनी लेईक म्यासेन सदिन नृपतिघा सवार व्यातिच्ालापुरी वरत्यायश्कार १ डाल एलिस स्वरिचारीयालियांबा दोए राऊला मारावाज ऐदेशी ॥ म्बर करीत तमसेरल ललना त्रासापुरीमा दिए पुत्री मतीला वहिला मिलबा काजि के राजिया र ज्याल विवादचनमनीकें जाऊवारपाल तान विमला का ओगी तारी पदमपुरीरितामा प्रदरघवीरसेन मिल्या घोल चंद्रावती से | बेसबल मोमी लगे प्रतिधरिनिङबालिकाल तातेंप्रकाशीप्रगट क ||हितपरनालीकाल एस सेमरकर ओमिक दें वीरसेनतेला एमोटोजगार कर उमे ||मनल 2 मरेगार के के मलपीजी इलः सुरथानिमित्त्रवचनपीए मगनी एक न्यासिरनाऊ करा जिएमी जी इल

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