Book Title: Bruhad Adhyatmik Path Sangraha Author(s): Abhaykumar Devlali Publisher: Kundkundswami Swadhyaya Mandir Trust Bhind View full book textPage 7
________________ है। ट्रस्ट उनका भी विशेष आभार मानता है। प्रस्तुत संग्रह के प्रकाशन में सहयोग देनेवाले सभी दानदातारों के सहयोग से इसकी न्योछावर राशि ३०/-रू. रखी गई है, ताकि समाज के उच्चवर्ग से सामान्य वर्ग तक का प्रत्येक साधर्मी भाई इससे लाभान्वित हो सके। सहयोग करने वाले दानदातारों की सूची पुस्तक में पीछे प्रकाशित है। साथही स्व. ताराचन्दजी जैन की स्मृति में उनकी धर्मपत्नी श्रीमती मीनादेवी जैन नियर इटावा रोड़ पेट्रोल पम्प के सामने भिण्ड(म.प्र.) द्वारा इस प्रकाशन के विशेष सहयोग प्राप्त हुआ। सहयोगेच्छुक जन अभी भी 'श्री कुन्दकुन्द स्वाध्याय मन्दिर ट्रस्ट, देवनगर भिण्ड' के नाम से ड्राफ्ट भेजकर कृति के पुनः प्रकाशन में सहयोग कर सकते हैं। ट्रस्ट उनका आभार मानता है। ट्रस्ट के सभी पदाधिकारियों का भी आभार मानता हूँ, जिन्होंने इस प्रस्ताव को सहर्ष स्वीकृत कर बहूमूल्य योगदान दिया। प्रस्तुत सङ्कलन के आकर्षण व श्रेष्ठ मुद्रण हेतु संयम पब्लिशर्स एण्ड प्रिन्टर्स, भिण्ड के द्वारा अथक परिश्रम किया गया। एतदर्थ मैं श्री अतुलकुमार जैन विशेष आभार व्यक्त करता हूँ। पं. आशीष शास्त्री इटावा रोड, भिण्ड द्वारा इस पुस्तक के प्रकाशन में बहुत परिश्रम किया गया है। अत: मैं उनका बहुत आभार मानता हूँ। ___ शुद्धिकरण में विशेष ध्यान देने पर भी यदि कहीं कोई त्रुटि रह गई हो, तो आप हमें अवश्य अवगत करावें ताकि उसे द्वितीय संस्करण में सुधारा जा सके। संसार, शरीर व भोगों के स्वरूप का विचार कर उससे विरक्त होकर आतम-भावना भावता जीव लहे केवलज्ञान रे।' की उक्ति को चरितार्थ कर जीव धर्म के सन्मुख हों व आगे बढ़ें - ऐसी पवित्र भावना है। डॉ. सुरेशचन्द्र जैन सहमंत्री श्री कुन्दकुन्द स्वाध्याय मन्दिर ट्रस्ट, देवनगर, इटावा रोड, भिण्ड Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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