Book Title: Bruhad Adhyatmik Path Sangraha
Author(s): Abhaykumar Devlali
Publisher: Kundkundswami Swadhyaya Mandir Trust Bhind

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Page 12
________________ ३१० ६७. प्रश्नोत्तर दोहा भैया भगवतीदास जी ६८. ज्ञान पच्चीसी कविवर बनारसीदास जी ६९. कर्ता-अकर्ता पच्चीसी भैया भगवतीदास जी ७०. सिद्ध चतुर्दशी ७१. अपूर्व अवसर पद्यानुवाद पं. राजमल पवैया जी ७२. बारहमासा ब्रजदन्त श्री नैनसुखदास जी ७३. बारह मासा (राजुल का) श्री नैनसुखदास जी ७४. बारह मासा (सीता सती का) श्री नयनानन्द जी ७५. आत्म चिन्तन की घड़ी है। ७६. गुरु वन्दना कविवर भूधरदास जी ७७. गुरु स्तुति कविवर भूधरदास जी ७८. उपादान निमित्त संवाद भैय्या भगवती दास जी ७९. निमित्त उपादान दोहा कविवर बनारसीदास जी ८०. विभिन्न कवियों द्वारा रचित बारह भावना ८१. बारह भावना कविवर जयचन्द्र जी ८२. बारह भावना कविवर भूधरदास जी ८३. बारह भावना कविवर भूधरदास जी ८४. बारह भावना कविवर दीपचन्द्र जी ८५. बारह भावना कविवर भैय्या भगवतीदास जी ८६. बारह भावना कविवर बुधजन जी ८७. बारह भावना ब्र. श्री रबीन्द्रजी ८८. बारह भावना कविवर मंगतराय जी ८९. अपूर्व अवसर बाल ब्रह्मचारी सुमतप्रकाश जी ९०. कुन्द-कुन्द शतक ९१. भरत चक्रवर्ती के सोलह स्वप्न व उनके फल ९२. सम्राट चन्द्रगुप्त के सोलह स्वप्न व उनके फल ३११ ३१३ ३१५ ३१९ ३२४ ३३४ ३४२ ३५१ ३५२ ३५३ ३५४ ३५८ ३५९ ३५९ ३६० ३६१ ३६२ ३६३ ३६५ ३६७ ३७० ३७४ ३७८ ३८६ ३९४ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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