Book Title: Bolti Tasvire Author(s): Devendramuni Publisher: Tarak Guru Jain Granthalay View full book textPage 7
________________ लेखक की कलम से साहित्य जीवन का अभिनव आलोक है। वह भूले-भटके जीवन साथियों के लिए सच्चा पथ-प्रदर्शक है। मुझे दार्शनिक, ऐतिहासिक, सांस्कृतिक साहित्य के प्रति जितनी रुचि रही है, उसी प्रकार कथा व रूपक साहित्य के प्रति भी रुचि रही है। जब कभी भी अनुसन्धानपरक शोधप्रधान साहित्य लिखते समय मुझे थकान का अनुभव होता है तो उस समय मैं कथासाहित्य लिखता हूँ या पढ़ता हूँ जिससे थकान मिटकर नई ताजगी का अनुभव होता है। दक्षिण भारत की विहार यात्रा करते समय पैर ही नहीं, मस्तिष्क भी थकान का अनुभव करता रहा । प्रतिदिन की विहार यात्रा में मैंने कथासाहित्य लिखने का निश्चय किया। मेरा यह प्रयोग बहुत ही उपयोगी सिद्ध हुआ। जैन-कथाएँ के सम्पादन के अतिरिक्त अन्य अनेक कथाओं की पुस्तकें भी लिख गया जो पाठकों के समक्ष हैं। __ कथा-साहित्य के अनुशीलन-परिशीलन से मेरे अन्तमानस में ये विचार सुदृढ़ हो चुके हैं कि मानव के व्यक्तित्व और कृतित्व के विकास के लिए, उसके पवित्र-चरित्र के निर्माण के लिए कथा-साहित्य अत्यन्त उपयोगी है। कथासाहित्य की सुमधुर शैली मानव के अन्तर्मानस को सहज रूप से प्रभावित करती है, प्रभावित ही नहीं करती, पर बाद Jain Education InternationaFor Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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