Book Title: Bhikkhu Jash Rasayan
Author(s): Jayacharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 8
________________ तृतीय खंड असिआउसा को नमस्कार आचार्य भिक्षु के शासन काल के मुनियों का वर्णन आचार्य भिक्षु के शासनकाल की साध्वियों का वर्णन चतुर्थ खंड गौतम और सुधर्म को नमस्कार आचार्य भिक्षु का प्रमुख विहार- क्षेत्र आचार्य भिक्षु के प्रमुख श्रावक आचार्य भिक्षु की वृद्धावस्था की सक्रियता का मार्मिक चित्रण सोजत में हुकमचंद आच्छा का सिरियारी अंतिम चतुर्मास का अनुरोध और स्वीकृति सिरियारी वर्णन और आगमन सिरिपारी चतुर्मास के सहयोगी संतों का उल्लेख अंतिम अस्वस्थता चरम कल्याणक आभास सहयोगी संतों के प्रति कृतज्ञता के उद्गार भावपूर्ण सामूहिक शिक्षा सार्थक जीवन जीने का उल्लास बाल मुनि श्री रायचंद जी को शिक्षा युवाचार्य श्री भारमलजी द्वारा कृतज्ञता ज्ञापन आचार्य भिक्षु द्वारा युवाचार्य का भविष्य-कथन श्री खेतसीजी को प्रत्युत्तर अनुपम अंतिम आलोचना समस्त जीवों से भावपूर्ण खमतखामणा साधु-साध्वियों, श्रावक-श्राविकाओं से खमतखामणा 'टालोकर से भी खमतखामणा संवत्सरी का उपवास और पारणा युवाचार्य श्री भारमलजी एवं मुनिश्री खेतसीजी के हाथ से अंतिम आहार आजीन अनशन ग्रहण (vii) १४७ १४७-१७३ १७४-१८४ १८५ १८५ १८५ १८५ १८६ १८६ १८६-१८७ १८८ १८८ १८८ - १८९ १९० १९३ १९३ १९५ १९५ १९६ १९७ १९८ १९८ १९८ २०० २०० २०१

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