Book Title: Bhattarak Ratnakirti Evam Kumudchandra Vyaktitva Evam Kirtitva Parichay
Author(s): Kasturchand Kasliwal
Publisher: Mahavir Granth Academy Jaipur
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२३२
. पद एवं गीत
गीत
राग सारंग
प्रावो रे भामिनी गज वर गमनी ।
वांदवा अभवचन्द्र मिली मुगनमणी ।। आंचली ॥१॥ मुगताफलनी थाल भगैजे ।
गछ नायक अभयचन्द्र वधावीजे ।। श्रा० ॥२॥ कुकुम चन्दन भरीय कचोली।
प्रेमे पद पूजो गोरना सहूमली 1। प्रा० ॥ ३ ॥ हुँबड़ वंशे श्रीपाल साह तात ।
जनम्योको कोडरमात '! मा: ।। ४ ।। लघु पणे लीयो महाबत भार ।
मन वश करी जीत्यो दुद्ध र मार ॥ प्रा० ।। ५ ॥ तर्फ नारक प्रागम अलंकार ।
अनेफ शास्त्र भण्यां मनोहार !! प्रा० ।। ६ ॥ भट्टारक पद एहने छाजे ।
जेह्नो यश जगमा वारू गाजे ।। प्रा० ॥ ७ ॥ श्री मूलसंधै उदयो महीमा निधान ।
पाचक जन करें गेह गुण गान 11 मा० ॥८॥ कुमुदचन्द्र पाटि जयकारी ।
धर्मसागर कहे गाउ नरनारी ॥ आ० ॥१॥
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