Book Title: Bhattarak Ratnakirti Evam Kumudchandra Vyaktitva Evam Kirtitva Parichay
Author(s): Kasturchand Kasliwal
Publisher: Mahavir Granth Academy Jaipur

View full book text
Previous | Next

Page 254
________________ प्रस्थानुक्रमणिका २३७ चारुदत्त प्रबन्ध-१४ बम्पावती सील कल्याणक-२२ चेतन गीत-२३ चित्त निरोध कथा-२४ चौबीस जिन सग्या-३६ पउबीस जिप गरावर वर्णन-४० चिन्तामणी पाश्र्वनाथ गीत-५६, कौन सखी सुध ल्याने श्याम की-८३ कुमुद चन्द्र गीत-११५ कर्म कापड भाषा-१२० (ख) खटोलना गीत १३ खिचड़ी रास-२० (ग) गोरखनाथ के वचन-६ गुलाल पच्चीसी-१० गीत परमार्थी-१३ गूढ विनोद--३१ गौतमस्वामी स्तोत्र-३४ मोडी पार्वनाथ स्तवन-३७ गुण बावनी-३६ (पद) गोस्थि घडी जुए राजुल' रागी नेमी कुवर वर जावे रे-५१ पुर्वावली गीत-५५, ११५ गौतम स्वामी चौपाई-५६, ६६, सौबीस तीर्थकर देह प्रमाण षोपाई-५९. ६६, २११ चन्दा गीत-७८, २२४ चिन्तामरिण गीत-७५ चिन्तामणि पारसनाथनु गीत-८६ चूनडी गीत-६५, ६६ चौपई गीत-६८ चन्द्रप्रभनी विनती-१०६ चारित्र चुनड़ी-११०, ११३ चौरासी लाख जीय जोनि विनती गीत-५६, ७, ८५, ६, १०, १०४, १२०,१८१, २०३, २०५, २३०, २३२ गुरु गीत-५६, ११६, ११७, (ज) जिनसहस्रनाम-६ जलगालनक्रिया-१० जोगीरास-२०, २३ जम्बूस्वामी चरित्र-२२, २३ जखडी-२३, १२० जोगीरास मुनीश्वरों की जयमाल' गुर्वावली-६०, ६२ गणधर विनती-१०२ (घ) घृप्त कल्लोनी विनती-६०, ६४ (च) चातुर्वर्ण-६ चार नवीन पद-६ चौरासी जाति की जयमाल जम्बूस्वामी बेलि-२४ जिन प्रांतरा-२४ जिनराज मूरि कृति संग्रह-३६ जैसलमेर चंत्यप्रवाडी-४० जिनवर विनती-५६,१०८.२१६ जन्म कल्वारएक गीत-५६, ६७ चतुर्गति वेलि-१४ पहुंगति वेलि-१४

Loading...

Page Navigation
1 ... 252 253 254 255 256 257 258 259 260 261 262 263 264 265 266 267 268 269