Book Title: Bharatiya Samvato Ka Itihas
Author(s): Aparna Sharma
Publisher: S S Publishers

View full book text
Previous | Next

Page 2
________________ पुस्तक के विषय में प्रस्तुत पुस्तक भारतीय इतिहास में प्रचलित हुए संवतों का विस्तृत अध्ययन है । आदि काल से ही मनुष्य की जिज्ञासा एक ऐसी व्यवस्थित व परिष्कृत समय-मापन पद्धति को विकसित करने की रही है जो उसके जीवन क्रम को गति प्रदान कर सके तथा व्यतीत समय की गणना करने में सहायक हो । इसी परिप्रेक्ष्य में विश्व के अलग-अलग कोनों में खगोल-शास्त्र व ज्योतिषशास्त्र का विकास हुआ तथा स्वतन्त्र रूप से गणना पद्धतियाँ विकसित हुईं जिन्होंने परस्पर एक-दूसरे को प्रभावित भी किया। प्रस्तुत पुस्तक में भारतीय गणना पद्धति के विकास व उस पर विदेशी प्रभाव का अध्ययन करते हुए भारत में प्राचीन काल से स्वतन्त्रता प्राप्ति तक आरम्भ होने वाले चौवालीस संवतों का उल्लेख किया गया है । पुस्तक का मुख्य उद्देश्य पाठकों को राष्ट्रीय संवत् के विषय में जानकारी देना है । इस संवत् का प्रारम्भ भारत सरकार द्वारा स्वतन्त्रता प्राप्ति के पश्चात् तत्कालीन प्रचलित विभिन्न सवतों तथा गणना पद्धतियों का अध्ययन कर गणना की दृष्टि से परिष्कृत कर, किया गया था । परन्तु, जिन कारणों से यह भारत के राष्ट्रीय संवत् का स्थान नहीं ले पाया उनका विवेचन पुस्तक के निष्कर्ष में किया गया है । इतिहास व संवत् का क्या सम्बन्ध है ? एक राष्ट्रीय संवत् की राष्ट्रीय एकता में क्या भूमिका है ? इस पुस्तक के पाठकों को ऐसे कितने ही अन्य प्रश्नों के उत्तर मिलेंगे । Rs.400

Loading...

Page Navigation
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 ... 270