Book Title: Bharatiya Prachin Lipimala
Author(s): Gaurishankar H Oza
Publisher: Munshiram Manoharlal Publisher's Pvt Ltd New Delhi

View full book text
Previous | Next

Page 250
________________ Plote XVII. लिपिपत्र १०वां. गुप्तों के समय के मिश्र भिन्न लेख और दानपत्रों से उद्धृत किये हुए मुख्य मुख्य अक्षर (ई. म. को पांचवीं शताब्दी). उदयगिरि के लेख मे. मे ये वो x क ४ पा. 2.] $ & म कुमारगुप्त T र रवा के समय के विमद के शंभ के लेख मे स्त् जा शादिविली गु प धू र स क ई ई ई ह से है तू पपू क जयनाथ के मिनी (देही) के लोहस्तंभ के लंग्स में. चि शी ¥ ओ यं चि य श्रि 38 के है है मैं है 韩 दानपत्र मे कुमारगुप्त के समय के करडांडा के लेख से (गुप्त सं. ११७ = ९. स. ४३६-३७). म ET चि गुं पु मू व ध म ने त्यां স- বअथ स ह ह है ( गुप्त म पाली गांव से मिले हुए महाराज लक्षण के दानपत्र से (गुप्त सं. १५८.स. ४००-७८) ( . . ४८.२). सं. ८.६८ई, म ४१५-१७) 電 मेलो की तु श्री ले ये है है हो सु 11 a অ श्रा ख त फ य て ल T ञ्जे উ41 √√ I যফচএ ওमुं श्र श्रा इ श्री ह 項 दुनि. श्र A 50 3 रु 12} पा Aho! Shrutgyanam किं श्री इस राजा तोरमाण के छुड़ा के लेख मे. 최 ଜଷ 첫 ज 機 ग रा स मोर्च. स सु 50 जी जी राज भट ৩ ধ इমশাসসफेवঃ ঔসফষিল মঃ উষল ইনসম্বীমিস উরইীষাও वিড: মই ৪2 ধ সম্ভষछु স সা সককসিद्ध चलुীवृद्धो नृत्य

Loading...

Page Navigation
1 ... 248 249 250 251 252 253 254 255 256 257 258 259 260 261 262 263 264 265 266 267 268 269 270 271 272 273 274 275 276 277 278 279 280 281 282 283 284 285 286 287 288 289 290 291 292 293 294 295 296 297 298 299 300 301 302 303 304 305 306 307 308 309 310 311 312 313 314 315 316 317 318