________________
Protei.
लिपिपत्र ५१वां.
मामय मायक, अन्नयम और गाणदेव के दामपनों मे.
(ई. म. की १४त्रों और १५वीं शताब्दी).
पोठापुरी के नामय माधक के दोनेडि के दानपत्र में (श. सं. १२५८ = ई. म. १३५०).
eese 502C &036
6
2) Yaab ४0 d + र क र दा मा वि रि र गो म भ न ६४ 20080Pawaa 20 णे मी पो क्षि ना छ ना को श्री श्री मनु म्या सौ.
४
।
5 ye r
ape
श्रा
वनपनो में मिन्ने अत्रम के दानपत्र में मुख्य माय अक्षर (श. म १३०० ई. म. १३०८). र २ फ म क न टा षा पू ये हो न
शो,
&& joirefभा
कोण्डवीड़ के राजा गाणदेव के दानपत्र से (श. म. १३७१ - ई. म. १७५५). अ ट च प व ह न ढा ना नि नो झ ट बा श्री ey ca
ra
श्री. 68
ई- Dev 20 200 12 vargs
18 DAPOO 0086। ANGR_dve6880 हळूತಾಲಬೈಂ|! 18ವಿಟ್ಟರಸ್ತು ಬೆವದಿಡ್ಡಿಷ್ಣdl@ಾ
Aho 1 Shrutgyanam