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लिपिपत्र ३०वा. भिन्न भिन्न दानपयों और शिलासों से उकृत किये हुए मुख्य मुख्य अक्षर.
(ई.म. को ११वीं मे १३वीं शताब्दी नक),
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कुलेत में मिले हुए राजा मोमवर्मा के दानपर में (ई. म. की ९१वीं शताब्दी).
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चंबा में मिले हुए मोमवर्मा और पामठ के दानपत्र में (ई.भ. की ११वीं शताब्दी म च ए का न दे ई न को व्य न्द मे र्षि ा र्यि स टा. मा म प ५ है ५ , है हम
राजाना नागपाल के देवीरीकोठी के लेख से ई.स. १९८०).
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भारिगांव के लेख से (इ. स. ११८७ ). ण ५ स था ना मा कि स ते के के म्धी हे छि श्री श्व यु म्प.. ' सम्म ' म क क
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बैजनाथ (कांगड़े में ) के मंदिर की प्रशस्ति से ( शक सं. ११२६ ई. स. १२°४ .
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