________________
Plate xLII.
लिपिपत्र ४श्वां. पृथियौसेन, महासुदेव और तिविरदेव के दानपयों से.
(ई. म. को पाचवीं में पाठवीं शताब्दी तक ). बालाघाट मे मिन्ने हुए वाकाटक व गो राजा पृथिवीसेन ( दूसरे के दानपत्र मे (ई. स. की पांचवों गनाम्दी).
95208232y5
.
स्वरिभर में मिले हर राजा महासुदेव के दानपत्र में हैं. स. को मानवीं शताम्दी के ग्राम पार).
crowcy
2 della
E 30a 220 - म । य र ल व श ष म १ मा मा वि भी कुट नु म BEDA 2n
911 भ 5 की मो मो को क्षिरे छे का इ प्र of Er xका -
BH राजोम से मिले हुए राजा निविरदेव के दानपब से (६. म. को पाठवीं शताब्दी के कामपाम). अप र ए स च ज ट ड न प फ न यि ज्ञा च ब यो को. भE at E EL. 3820 HEM .
Clau
FD JETE IN PARLIFETRINA KAajlGAYE JA HRES RFLUTELA|| BA is En El]] afE LABELngali an, Jagga Agai L} {AraBaag HA BEng: _32 3 4 ] {_16 (83389gal_JE A2ng al2s agjaggaglag RR SHITR
nav
T
( IT
OUL
Ef
Ano! Shrutgyanam