Book Title: Bharatiya Chintan ki Parampara me Navin Sambhavanae Part 1 Author(s): Radheshyamdhar Dvivedi Publisher: Sampurnanand Sanskrut Vishvavidyalaya Varanasi View full book textPage 2
________________ परिसंवाद [२] भारतीय चिन्तन की परम्परा में नवीन सम्भावनाएँ [भाग १] सम्पादक मण्डल प्रो. जगन्नाथ उपाध्याय श्री रामशङ्कर त्रिपाठी डॉ. गोकुलचन्द जैन डॉ. फूलचन्द्र जैन श्री बुद्धिवल्लभ पाठक सम्पादक श्री राधेश्यामधर द्विवेदी प्राध्यापक-तुलनात्मकधर्मदर्शन सकत तिम मातापाय पर्यवेक्षक डॉ. भागीरथप्रसाद त्रिपाठी 'वागीश शास्त्री' _ निदेशक, अनुसन्धान संस्थान प्रकाशनाधिकारी-सम्पादक डॉ. हरिश्चन्द्रमणि त्रिपाठी सम्पूर्णानन्द संस्कृत-विश्वविद्यालय, वाराणसी १९८१ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 ... 386