Book Title: Bhajanpad Sangraha Part 10
Author(s): Buddhisagar
Publisher: Adhyatma Gyan Prasarak Mandal
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विषयक.
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विषय.
साचा ब्राह्मण नगमां तेओ जाणवा राज्याधिकारी वर्ग
आतम तेरी सत्य कमाणी
आतम देखो आतमनूरा
आत्मतत्त्वना ज्ञानी साचा त्यागीओ
राज्यकोम विनाश
अमारो आतम भूप भलेरो अमारो अंतर आतम चेलो
अलख अमे कोइना मार्या न मरीए
अलख अमे मर्या न क्यारे मरशुं
अरिहंत आतम नजरे आया
आतम कर्मसें कुच्छ न डरना
प्रभु दर्शन घटमें पाया
आतम पीजा अमीरस प्याली
संतो आतमरूप समरना आतम ! चारवरणरूप थावो
ब्रह्म सागरमां समाणी
प्रभो तुज सागर समनय वाणी
खरी ए प्रभु पाम्यानी निशानी
आतम कर्मयोगी तब मानु
चावो ज्ञानानन्द पान
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आतम अनुभवभांगकुं पीना
मेरा घरकुं हमने पिछाना हमने ऐसी हवा खूब खाइ
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