Book Title: Bhajanpad Sangraha Part 10
Author(s): Buddhisagar
Publisher: Adhyatma Gyan Prasarak Mandal

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Page 12
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra विषयांक. ८८ ८९ ९० ९१ ९२ ९३ ९४ ९५ ९६ ९७ ९८ ९९ १०० १०१ १०२ १०३ www.kobatirth.org ११० १११ विषय. आतम अनुभव विरला जाने आतम छोडदे मोहकी यारी आतम धन्य है तेरी फकीरी अमारी फकीरी मस्ती भरेली आम धर्म है आनंदज्ञाना आतमनूर मनुष्यो !! परमेश्वर दिल धरना मनुष्यो !! मननी प्रतीत न करशो आतम ! मोहने मारी नाखो सद्गुरु आप तरे पर तारे आतम दुनियाकुं भूल जाना मनुष्यो !! हळीमळी संपी रहेशो आतम कोने हणो न हणावो आतम आप स्वरूपमां म्हालो आतम अपना नहि करना आतम अलख प्रदेशमा चालो १०४ १०५ १०६ १०७ स्वराज्य लायक देश १०८ १०९ आतम ! प्रभु नाम समजी समरीए चेतन ! ब्रह्ममां प्रेम जगावो आतम समताभावे विवरशो दिलमें क्या करना अभिमाना आतम सरीखुं सहु जग धार्यु आतम समताभावकुं धरना मनुष्यो ! आतमधर्मने धरशो For Private And Personal Use Only Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 妹 ६२ ६३ ६३ ६४ ६४ ६५ ६५ ६६ ६६ ६७ ६७ ૬૮ ६८ ६९ ७० ७० ७१ ७१ ७२ ७२ ७५ ७५ ७६ ७७

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