Book Title: Bhagwati Sutra Sara Sangraha Part 04
Author(s): Purnanandvijay
Publisher: Jagjivandas Kasturchand Shah

View full book text
Previous | Next

Page 7
________________ श्री विजयधर्मसूरि गुरुवन्दना ख्याता ये वसुधातले यतिगुणैः सत्संयमाराधकाः, विद्वद्वन्दसुपूजितांघ्रिकमलाः भावेन वै सर्वदा । कृत्वाऽहनिशमुद्यम जिनवृषं येऽस्थापयन् सर्वतस्ते पूज्या गुरुवर्यधर्मविजयाः कुर्वन्तु वो मङ्गलम् ।। संस्थाप्य काश्यां शुभज्ञानशाला __ मध्यापयन् शिष्यगणान् सुविद्याः । परोपकाराय यदीयजीवितं, ___ तद् घम पादाब्जयुगं स्मरामः ।। -लेखक TUMum .. . a MruttiRIA

Loading...

Page Navigation
1 ... 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 ... 610